Jobs In Bihar :- बिहार में गुरुजी बनने का सपना हुआ साकार, 4108 पदों पर इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू
पटना: बिहार राज्य में उच्च शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 4108 पदों पर नियुक्ति के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है। पहले दिन दर्शनशास्त्र के अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है। यह प्रक्रिया 24 मई से शुरू होकर दिसंबर 2024 तक चलेगी, और इस अवधि में सभी योग्य उम्मीदवारों का चयन कर लिया जाएगा।
हाईकोर्ट की रोक हटने के बाद शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया
यह भर्ती प्रक्रिया पहले साल 2020 में शुरू की गई थी, लेकिन आरक्षण रोस्टर के सही पालन न होने के कारण हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने 2023 में आरक्षण रोस्टर को फिर से तैयार करने का आदेश दिया था, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने संशोधित रोस्टर तैयार करके विश्वविद्यालय सेवा आयोग को सौंपा। कोर्ट द्वारा रोक हटाने के बाद अब यह बहाली प्रक्रिया पुनः प्रारंभ हो गई है।
आरक्षण के आधार पर भर्ती प्रक्रिया
संशोधित आरक्षण रोस्टर के बाद कुल 8603 पद स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से 4108 पदों पर अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है। बैकलॉग की 755 और वर्तमान की 3353 वैकेंसी पर यह भर्ती प्रक्रिया चल रही है। बैकलॉग वैकेंसी में EBC कैटेगरी से 299, SC से 296, ST से 39, BC से 76 और WBC से 45 रिक्तियां शामिल हैं। वहीं, सामान्य श्रेणी में 1368, EBC में 612, SC में 524, BC में 388, EWS में 305, WBC में 82 और ST में 72 रिक्तियां हैं।
विभिन्न विषयों में होगी भर्ती
विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने 2020 में 52 विषयों में 4638 पदों पर असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इनमें से 27 विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर का चयन हो चुका है। अब संशोधित रोस्टर के अनुसार बैकलॉग और वर्तमान वैकेंसी के लिए साक्षात्कार किया जा रहा है।
भर्ती प्रक्रिया की समय सीमा
इस भर्ती प्रक्रिया का उद्देश्य बिहार के विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए योग्य और प्रतिभाशाली शिक्षकों की नियुक्ति करना है। चयनित उम्मीदवारों को दिसंबर 2024 तक नियुक्ति पत्र सौंप दिए जाएंगे।
यह बहाली प्रक्रिया उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे न केवल विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी पूरी होगी, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का भी विस्तार होगा। इस प्रक्रिया में आरक्षण रोस्टर का सख्ती से पालन किया जा रहा है, जिससे विभिन्न श्रेणियों के योग्य अभ्यर्थियों को भी समान अवसर मिल सके।
बिहार में विश्वविद्यालयों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर के 4108 पदों पर इंटरव्यू की प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल शिक्षा के स्तर में सुधार होगा, बल्कि बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे। राज्य सरकार और विश्वविद्यालय सेवा आयोग की यह पहल उच्च शिक्षा को और सुदृढ़ बनाने में सहायक सिद्ध होगी।