BTSC ANM 10709 : YouTubers ने आपस में ही उलझा दिया अभ्यर्थी को, आयोग की है नजर

BTSC 10709 ANM बहाली प्रक्रिया को आज 2 साल से ज्यादा हो हो चुके हैं मगर अब तक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई इसका कारण है कोर्ट की कानून प्रक्रिया और सरकार की अदयल रवैया जिसकी वजह से यह भर्ती प्रक्रिया 2 साल से ज्यादा बीत चुके हैं मगर यह भर्ती प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हुई है ।

पटना हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले से यह स्पष्ट किया कि राज्य में 10709 रिक्त पड़े एएनएम पदों की भर्ती उसी सेवा शर्त नियमावली के तहत होगी, जो इन रिक्तियों के विज्ञापन में प्रकाशित हुआ था। न्यायाधीश मोहित कुमार शाह की एकलपीठ ने अर्चना कुमारी सहित 48 याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं को स्वीकृति देते हुए शुक्रवार को यह फैसला सुनाया। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने दलील दी थी कि उक्त रिक्तियों का विज्ञापन 28 जुलाई 2022 को प्रकाशित किया गया था, जिसमें यह स्पष्ट था कि चयन हेतु बिहार महिला स्वास्थ कार्यकर्ता (एएनएम) नियमावली 2018 की शर्तें लागू होंगी।

नियमावली के क्या थे नियम

इस नियमावली के तहत 100 अंकों की प्रतियोगिता में 60 प्रतिशत अधिभारित अंक एएनएम की पढ़ाई के प्राप्तांक से होगी। शेष अंक प्रैक्टिकल एवं उच्च शिक्षा पर आधारित मिलने थे। याचिकाकर्ताओं ने चयन प्रक्रिया में भाग लिया और उपरोक्त 60 प्रतिशत अंक के आधार पर मेरिट अंक सभी अभ्यर्थियों का चयन करने वाली आयोग की वेबसाइट पर अपलोड भी हो चुका था ।

2023 में सरकार ने लागू कर दिए थे बदले हुए प्रविधान

गौरतलब है कि सरकार द्वारा 29 सितंबर 2023 को नई सेवा शर्त नियमावली के तहत एएनएम के चयन हेतु बदले हुए प्रविधानों को लागू कर दिया था। नई सेवा नियमावली के तहत स्वस्थ विभाग ने एक चिट्ठी जारी कर सूचित किया कि उपरोक्त 60 प्रतिशत अंक को अब प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित के जरिए अर्जित करना होगा, जिसके लिए प्रतियोगिता परीक्षा ली जाएगी।

क्या थी याचिकाकर्ता की दलील

अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक पीठ के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि खेल के बीच में खेल के नियम नहीं बदले जाते। ऐसा मनमाना रवैया संविधान के खिलाफ है। हाई कोर्ट ने तथ्यों का अवलोकन का याचिका को स्वीकृति दे दी। मगर राज्य सरकार पटना उच्च न्यायालय के फैसले से संतुष्ट नहीं नजर आई फिर उसने एकलपीठ मोहित कुमार साह के फैसले को चुनौती देते हुए डबल बेंच में एलपीए दायर करती है मगर वहां भी फैसले को बरकार रखा गया।

राज्य सरकार के आयोग नहीं जाएगी सर्वोच्च न्यायालय

पटना उच्च न्यायालय के डबल बेंच ने जैसे ही एकलपीठ के फैसले को बरकार रखा ठिक राज्य सरकार के आयोग ने देश के सर्वोच्च न्यायालय में फैसले को चुनौती देने का मन बना लिया सूत्रों के हवाले से खबर है की फिर supreme court के जाने माने अधिवक्ता से विचार विमर्श करने बाद आयोग ने अपना मन बदल लिया सर्वोच्च न्यायालय के जाने माने अधिवक्ता ने सलाह दिया की इससे पहले भी सर्वोच्च न्यायालय में इस तरह का मामला आ चुका है नियामली आप बीच में नहीं बदल सकते बेहतर होगा आप पुराने नियमावली पर ही भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए तभी आयोग का slp दायर करने की योजना कैंसल की गई जैसा कि सूचना आ रही है और हमने पहले भी बताया था कि जून के पहले सप्ताह से आयोग काउन्सलिंग करने की योजना बना रहा है मगर चुनाव को लेकर सरकार के तरफ से आयोग को अभी ज़बाब नहीं मिल पाया है जिसके वजह से विलंब हो रही है मगर सूत्रों के हवाले से खबर है की आयोग जून माह से ही काउन्सलिंग प्रक्रिया आरंभ कर देगी।

पैसें की ठगी का दौर सुरू हो चुका है

आपको बता दे जैसे ही नियमावली बदली तब से ही कुछ दलाल पैसे ठगी और नौकरी दिलवाने का कार्य कर रहे है जिस तरह से सूचना आ रही है की बहुत ऐसे अभ्यर्थी है जिनसे लाखों की ठगी हो चुकी है और अब तो हद हो चुकी है पटना उच्च न्यायालय में जब सरकार अपना पछ रख ही रही है तो कुछ youtuber exam में पास अभ्यर्थी को नौकरी दिलाने के लिए और पैसे की उगाही कर रहे है पैसे दीजिए हमलोग भी अपना बात रखेंगे हाईकोर्ट में मगर वो लोग यूट्यूबर्स के झांसे में आ गए और लाखों रुपए की ठगी का शिकार हो गए ।

सर्वोच्च न्यायलय में बात रखने के नाम पर पैसे की उगाही हो रही है हद तो तब हो गई की अब अभ्यार्थियों के अभिवावक को कॉल करके बोला जा रहा है की हम case जीत जायेंगे सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है अभिवाक से 2 से 3000 रुपिया की माग की जा रही है मगर ऐसे youtubers से बच कर रहने की जरूरत है।

कौन है ये ठगी करने वाले

आपको बता दे की ये सब अभी स्टूडेंट्स है और कानून की पढाई कर रहे होते है और कानून की पढाई का अंतिम वर्ष चल रहा होता है और ये लोग किसी सीनियर अधिवक्ता के यहां अपना कानूनी दांव पेंच सिख रहे होते है इन्ही सब में सीनियर अधिवक्ता कहता है क्लाइंट लेकर दीजिए और तौर तरीके सिखाए जाते है इसके लिए ये लोग वैसे अभियार्थी को टारगेट करते है और बरगलाते है फिर मुकदमेवाजी में उलझाते है फिर ये लोग अपने सीनियर अधिवक्ता के पास लेके जाते है और पैसे उगाही का खेल चलता है अभ्यर्थियों को लगता है ये लोग को हमसे क्या फायदा ये येलोग तो हमारे लिए निस्वार्थ भाव से लड़ रहे है मगर हकीकत कुछ और होता है। इनमें से ज्यादातर कोचिंग संस्थान वाले होते है और कुछ नए कानून के विद्यार्थी होते है साथ ही ये लोग सोशल मीडिया के द्वारा भर भर के पैसे भी कमा रहे होते है बहुत ऐसे कोचिंग संस्थान है और टोपीबाज youtubers hai जो लाखों रुपए अबतक सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड कर कमा चुके है मगर अभियार्थिओं को भी सोचना होगा ।

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