Pakistan की माली हालत हुई इतनी खराब की MOU साइन करने के लिए Iran के साथ अपना एक सड़क ही बेच डाला
पाकिस्तान इस वक्त अपने पूरे दौर से भी गुजर रहा है ऊपर से जो भी आ रहा है मंदिर की घंटी की तरह उसे बजा कर चला जा रहा है इतनी माली हालत खराब पाकिस्तान की कभी नहीं हुई थी इन सब का जिम्मेदार खुद पाकिस्तान है कभी वह आतंक के नाम पर अमेरिका से अरबों डॉलर की कमाई की आज वही आतंक पाकिस्तान के लिए चिंता का सबक बन गया है पाकिस्तान लगभग 50 साल से उसे आतंक को पाल पोस करके खुल खुल रहा था आज वह आतंकवाद पाकिस्तान को ही सांप की तरह दस रहा है एक समय था जब अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना जब अलकायदा की खत्म के लिए अफगानिस्तान में प्रवेश किया तो बिना पाकिस्तान की मदद के लिए हो नहीं सकती थी इसलिए पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा और सैनिकों की रास्ता के लिए और आतंकवाद से निपटने के लिए अमेरिका पाकिस्तान को अरबू डॉलर की मदद करता था जब डोनाल्ड ट्रंप के शासन में अमेरिका ने ऐलान किया कि अब हम अफगानिस्तान से निकल जाएंगे क्योंकि अब अलकायदा तो खत्म हो चुका है अब हमारा यहां रहने का कोई मतलब नहीं बनता है और किसी भी डोनाल्ड ट्रंप की सरकार चली जाती है मगर वह ऑलरेडी अमेरिका के सांसद यानी सीनियर से कांग्रेस से पास हो चुकी थी तो जो बिडेन की सरकार जब आई तो उन्होंने दी यही फैसला को जारी रखा और अपनी सेवा को वहां से तालिबान के साथ गठित जोड़कर वहां से अफगानिस्तान से निकल गई जिसका नतीजा यह हुआ कि अब पाकिस्तान को अर्बन डॉलर का कमाने का जो जरिया था वह समाप्त हो चुका था क्योंकि इतने सालों में आजादी से लेकर अब तक पाकिस्तान में कोई भी अपना खुद का मैन्युफैक्चरिंग तैयार नहीं किया था जिसका नतीजा यह हुआ कि सभी वहां पर बिल्डर की भरमार हो गई और खेत खेती करने वाले किसान की जो जमीन थी वह भी एक कमर्शियल प्लाट में तब्दील हो गईऔर खेती करने से लोग बसते रहे और वहां पर बिल्डिंग में बड़े-बड़े तैयार होने लगे और कुछ भी अपना सामान नहीं बना पाए थे जिसका नतीजा यह हुआ कि कुछ भी उनको खाने पीने की चीज यहां तक की सवारी करने के लिए बाइक तक भी उनको बाहरी देशों से इंपोर्ट करना पड़ता है जिसकी सट्टा करने के लिए विदेशी धन का होना बहुत जरूरी है जो पाकिस्तान के पास है नहीं जिसका नतीजा यह हुआ कि आज वह पाई पाई को मोहताज हो चुका है इन्हीं सबके बीच ईरान के राष्ट्रपति रईस थी जब पाकिस्तान दौरे पर आते हैं तो वहां पर अक्सर देखा गया है कि जब भी किसी विदेशी मेहमान को सम्मान देना होता है तो उनके नाम पर सड़क को कर दिया जाता है इसी बीच इग्नू के साथ जिस तरह हम लोग के यहां एक्सप्रेस वे हाईवे होता है उसी प्रकार यहां पर एक हाईवे को रईसी के नाम पर वह कर दिया गया और उनसे इमोजी साइन किया जाए 10 बिलियन तक के ट्रेड को पहुंचाने का शर्त रखी गई है अब देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान तो कुछ भी बनाना नहीं अब वह क्या ईरान को एक्सपोर्ट करता है यह भी देखना दिलचस्प होगा उन्होंने सड़क तो कर दिया है ऋषि के नाम पर इसका फायदा पाकिस्तान कितना उठा पता है मगर अमेरिकी दबाव इतना है कि पाकिस्तान के लिए यह मूवी साइन कर लेने के बाद भी ट्रेड कर पाना मुश्किल होगा।