बिहार चिकित्सा कर्मचारी संघ के 34 दिन लंबे आंदोलन की ताजा स्थिति: सरकार के साथ बढ़ते तनाव पर मुख्य बिंदु

बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आंदोलन की ताजा स्थिति

बिहार, 24 अगस्त 2024: बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के नेतृत्व में पिछले 34 दिनों से जारी आंदोलन में एक और मोड़ आया है। संघ के प्रतिनिधियों ने वर्चुअल बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर सम्मानजनक बातचीत नहीं करती, तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। इस बैठक की अध्यक्षता संघ के राज्याध्यक्ष संजय कुमार ने की, जिसमें जिले के मंत्रियों ने भी भाग लिया।

आंदोलन के प्रमुख बिंदु:

  1. कार्य बहिष्कार जारी रहेगा: संघ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार के साथ सम्मानजनक वार्ता होने तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। यह निर्णय कर्मचारियों के जायज मांगों को पूरा करने के उद्देश्य से लिया गया है।
  2. तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार: 28, 29, और 30 अगस्त को सभी नियमित कर्मचारी अपने हाजिरी दर्ज करेंगे, लेकिन पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार करेंगे। इन तीन दिनों में कर्मचारी अपने मुख्यालय में उपस्थित होकर धरना प्रदर्शन करेंगे और 29 अगस्त को सरकार के खिलाफ पुतला दहन भी किया जाएगा।
  3. जिला स्तर पर सक्रियता: सभी जिला मंत्री को निर्देश दिया गया है कि वे अपने जिले में सामान्य परिषद की बैठक आयोजित करें और राज्य के निर्देशों को लागू कराएं। साथ ही, राज्य पदधारकों को आवंटित प्रभार के जिलों में दौरा करने और स्थिति का आकलन करने का निर्देश दिया गया है।
  4. विशेष कोष की स्थापना: जिला मंत्री को संघ के आंदोलन के लिए विशेष दमन सहायता कोष और विशेष संघर्ष कोष की उगाही कर राज्य केंद्र को हस्तांतरित करने की आवश्यकता है।

संघ की मांगें और सरकार की प्रतिक्रिया:

संघ ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह कर्मचारियों की जायज मांगों पर वार्ता करने के बजाय दमनकारी कदम उठा रही है। संघ को जानकारी मिली है कि सरकार नियमित कर्मचारियों पर FRAS लागू करने की योजना बना रही है, जो कर्मचारियों में आक्रोश का कारण बना हुआ है। संघ के अनुसार, यह योजना बंधुआ मजदूरी की तरह होगी, जिसे वे किसी भी हाल में लागू नहीं होने देंगे।

बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का यह आंदोलन अब और अधिक तेज होने वाला है। संघ की मांगें अगर जल्द नहीं मानी गईं, तो राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका गहरा असर पड़ सकता है। अब सभी की नजरें सरकार की अगली प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।

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