सरैया PHC में टीकों के साथ लापरवाही: एनएचएम कर्मियों का गंभीर आरोप

सरैया PHC में एनएचएम कर्मियों का गंभीर आरोप: जीवन रक्षक टीकों के साथ खिलवाड़

सरैया प्रखंड के PHC (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) में कार्यरत एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) के कर्मी पिछले 40 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इस हड़ताल के कारण साप्ताहिक टीकाकरण और डेली ओपीडी सेवाएं बाधित हो गई हैं। एनएचएम कर्मियों का कहना है कि वे सुबह 5 बजे ही कोल्ड चेन में ताला लगाकर टीकों को सुरक्षित करने का प्रयास करते हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन के कुछ लोग बिना किसी सुरक्षा के, एक दिन पहले ही टीकों का उठाव कर रहे हैं।

जीवन रक्षक टीकों के साथ खिलवाड़ के गंभीर आरोप

एनएचएम कर्मियों ने आरोप लगाया है कि कुछ जगहों पर टीकाकरण कार्य केवल डाटा दिखाने के लिए हो रहा है। कर्मियों के अनुसार, टीके जो बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए लगाए जाते हैं, उन्हें कोरियर द्वारा एक दिन पहले ही बिना उचित कोल्ड चेन में रखे उठाया जा रहा है। यह न केवल टीकों की गुणवत्ता को प्रभावित करता है, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है।

रूबी रानी, प्रखंड अध्यक्ष, सरैया PHC, ने बताया कि किस तरह BCG, पेंटावैलेंट, पीसीवी, MR, और JE जैसे महत्वपूर्ण टीके, जिन्हें 24 घंटे तक फ्रीज में रखा जाना चाहिए, उन्हें सुरक्षित नहीं रखा जा रहा है। उनके अनुसार, कुछ कर्मचारी चुपचाप पॉकेट में रखकर इन टीकों का उठाव कर रहे हैं, जिससे टीकों की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।

अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप

रूबी रानी और अन्य एनएचएम कर्मियों ने आरोप लगाया है कि कुछ स्थानों पर टीके एक दिन पहले ही शाम को उठाए जा रहे हैं, जिससे उनकी गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार बच्चों के टीकाकरण पर बहुत खर्च करती है, लेकिन यदि टीके सही तरीके से नहीं दिए जाते, तो इसका फायदा नहीं होगा, बल्कि बच्चे और अधिक बीमार हो सकते हैं। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि इसका गंभीर परिणाम हो सकता है।

धरना प्रदर्शन जारी

एनएचएम कर्मियों ने सरकार से अपील की है कि वे जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान निकालें। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे पूरे बिहार में टीकाकरण और ओपीडी सेवाओं को पूरी तरह से बाधित कर देंगे।

प्रखंड अध्यक्ष रूबी रानी के नेतृत्व में यह धरना प्रदर्शन जारी है, जिसमें ज्योत्सना कुमारी, प्रीति कुमारी, पुष्पा कुमारी, और अन्य कई महिला स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं।

सरैया PHC में हो रही इस स्थिति ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बच्चों के जीवन रक्षक टीकों के साथ इस तरह की लापरवाही न केवल निंदनीय है, बल्कि इसके परिणामस्वरूप गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। सरकार और संबंधित अधिकारियों को इस मुद्दे पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और उचित कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि बच्चों का स्वास्थ्य सुरक्षित रह सके और एनएचएम कर्मियों की मांगों का समाधान हो सके।

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