एनएचएम महिला स्वास्थ्य कर्मियों के आंदोलन में बदलाव की जरूरत: प्रभावी रणनीति पर विचार

एनएचएम महिला स्वास्थ्य कर्मियों को आंदोलन की रणनीति बदलने की जरूरत

पिछले 40 दिनों से जारी एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) महिला स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल ने सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। सरकार की तरफ से किसी भी तरह की रियायत या वार्ता के संकेत नहीं मिल रहे हैं। इस स्थिति में, आंदोलन की रणनीति में बदलाव की आवश्यकता है ताकि यह संघर्ष आगे भी प्रभावी ढंग से जारी रह सके।

वापस कार्य पर लौटने की आवश्यकता:

महिला स्वास्थ्य कर्मियों को अब यह समझने की जरूरत है कि हड़ताल के इस चरण में, वापस अपने कार्य पर लौटकर भी अपनी मांगों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जा सकता है। फेस अटेंडेंस (FRAS) के बिना भी अपना काम सुचारू रूप से जारी रखते हुए, वे एक मजबूत संदेश दे सकती हैं कि वे अपने दायित्वों को निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन सरकार की अव्यवहारिक नीतियों से सहमत नहीं हैं।

संघ के माध्यम से सरकार को अवगत कराना:

स्वास्थ्य कर्मियों को अपने संघ के माध्यम से सरकार को यह सूचित करना चाहिए कि उनकी समस्याएं और मांगे जस की तस हैं, और वे अपने आंदोलन को किसी भी तरह से कमजोर नहीं होने देंगे। यह रणनीति यह सुनिश्चित करेगी कि सरकार उनकी बात सुनने के लिए मजबूर हो, क्योंकि स्वास्थ्य सेवाओं का सामान्य संचालन बनाए रखने के बावजूद कर्मी अपनी मांगों पर दृढ़ रहेंगे।

समान काम-समान वेतन और FRAS में सुधार की मांग:

कर्मियों की प्रमुख मांगों में “समान काम का समान वेतन” और FRAS में सुधार की आवश्यकता शामिल है। इन मांगों पर डटे रहने से यह स्पष्ट हो जाएगा कि वे अपने हक के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं, लेकिन वे अपने काम को भी प्राथमिकता दे रहे हैं। इससे सरकार पर दबाव बनेगा और उन्हें इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित करेगा।

आगे की राह:

महिला स्वास्थ्य कर्मियों को अब एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना होगा, जिसमें काम को जारी रखते हुए आंदोलन को भी मजबूत रखा जाए। इससे उनकी स्थिति मजबूत होगी और सरकार को वार्ता के लिए मजबूर होना पड़ेगा। अंततः, यह रणनीति उन्हें उनके हक के करीब ला सकती है और सरकार को उनकी मांगों को स्वीकार करने के लिए प्रेरित कर सकती है।

इस प्रकार, अब समय आ गया है कि एनएचएम महिला स्वास्थ्य कर्मी अपनी रणनीति में बदलाव लाएं और आंदोलन को एक नए, प्रभावी मोड़ पर ले जाएं।

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