संविदा ANM और NHM कर्मियों की मांगें: सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम
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बिहार में संविदा ANM और NHM कर्मियों की बैठक: आंदोलन को और तेज करने का निर्णय
बिहार संविदा एएनएम संघर्ष मोर्चा और संविदा एनएचएम कर्मी संघ की संयुक्त राज्य स्तरीय बैठक दिनांक 04-08-2024 को पटना में आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता एनएनएम नेता अर्चना कुमारी और उषा कुमारी ने की। बैठक में सरकार की असंवेदनशीलता और संविदा कर्मियों की मांगों की अनदेखी पर चर्चा की गई।
बैठक के प्रमुख बिंदु:
- कार्य वहिष्कार जारी: 8 जुलाई से शुरू हुए कार्य वहिष्कार आंदोलन को जारी रखने का सर्वसम्मत निर्णय लिया गया।
- मांगों की पूर्ति: संविदा एएनएम और एनएचएम कर्मियों की 7 सूत्री मांगों की पूर्ति न होने पर आंदोलन को और तेज करने का निर्णय।
- जन संवाद और घेराव: यदि एक सप्ताह में मांगे पूरी नहीं होतीं, तो मंत्रियों, विधायकों, सांसदों का घेराव कर ज्ञापन सौंपने और जनता के साथ जन संवाद स्थापित करने की योजना बनाई गई।
- बुनियादी सुविधाएं: स्वास्थ्य उप केंद्रों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर पेयजल, बिजली, शौचालय, इंटरनेट जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग।
आंदोलन की आगामी योजनाएं:
- भारत छोड़ो दिवस: 9 अगस्त को राज्य के सभी जिलों में प्रदर्शन कर मांगों की पूर्ति और संविदा-आउटसोर्स प्रथा बंद करने की मांग।
- गेट जाम और नारेबाजी: चिकित्सा केंद्रों पर प्रतिदिन गेट जाम कर नारेबाजी करने का निर्णय।
नेताओं का संबोधन:
बैठक में महासंघ गोप गुट के अध्यक्ष रामबली प्रसाद, महासचिव प्रेमचंद कुमार सिन्हा, जिला सचिव मनोज कुमार यादव, ऐक्टू के राष्ट्रीय सचिव रणविजय कुमार, और बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के महासचिव कृष्णनंदन सिंह ने कर्मियों को संबोधित किया। सभी ने नीतीश सरकार के रवैये की घोर आलोचना की और सम्मानजनक वार्ता कर मांगें पूरी करने का आग्रह किया।
इस बैठक में राज्य के विभिन्न जिलों से आए प्रतिनिधियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए और आंदोलन को मजबूती देने का संकल्प लिया।
संविदा एएनएम और एनएचएम कर्मियों का यह आंदोलन सरकार पर दबाव बनाने के लिए और तेज किया जाएगा। यदि सरकार एक सप्ताह में उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा और जन संवाद के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार के जन विरोधी आचरण का भंडाफोड़ किया जाएगा।