चिराग पासवान की चुनावी सभा: नौहट्टा बीआरसी में संविधान और पुराने समय के मुद्दों पर चर्चा

चिराग पासवान की चुनावी सभा: नौहट्टा बीआरसी में संविधान और पुराने समय के मुद्दों पर चर्चा

नब्बे के दशक में लाठी में तेल पिलाने का काम किया जाता था, नौकरी के बदले में जमीन लिखवा लिया जाता था और आज गांव-गांव में प्रचार किया जा रहा है कि संविधान को खतरा है। नौहट्टा बीआरसी के सामने स्थित मैदान में गुरुवार को चुनावी सभा को संबोधित करते हुए लोजपा (आर) के सुप्रीमो चिराग पासवान ने यह बातें कही।

नब्बे के दशक की स्थिति पर प्रकाश

चिराग पासवान ने अपने संबोधन में बताया कि नब्बे के दशक में बिहार में लाठी का डर और नौकरियों के बदले जमीन की जबरदस्ती जैसी प्रथाएं आम थीं। उन्होंने कहा कि आज के समय में संविधान की रक्षा के नाम पर जनता को भ्रमित करने का प्रयास हो रहा है।

संविधान को खतरे की बात

चिराग पासवान ने वर्तमान सरकार पर संविधान के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गांव-गांव में यह प्रचार किया जा रहा है कि संविधान खतरे में है, जबकि असल में यह केवल राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है।

लोजपा (आर) की प्राथमिकताएं

चिराग पासवान ने लोजपा (आर) की प्राथमिकताओं के बारे में बात करते हुए कहा कि उनकी पार्टी संविधान की रक्षा और गरीबों के अधिकारों की लड़ाई में सदैव आगे रहेगी। उन्होंने कहा कि लोजपा (आर) का मकसद समाज में समानता और न्याय को स्थापित करना है।

आगामी चुनावों के लिए रणनीति

आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीति का खुलासा करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी जनता के मुद्दों पर आधारित राजनीति करेगी और भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, और विकास की कमी जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान देगी।

चिराग पासवान के संबोधन ने नब्बे के दशक की प्रथाओं और आज के समय में संविधान को खतरे की बातों पर जोर दिया। उन्होंने लोजपा (आर) की प्राथमिकताओं और आगामी चुनावों के लिए रणनीति पर भी प्रकाश डाला, जिससे पार्टी की जनहितकारी नीतियों को जनता के सामने स्पष्ट किया जा सके।

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