भारतीय वायुसेना ने रचा कीर्तिमान, भारत का ‘भीश्म’: आसमान से गिराया जाने वाला पोर्टेबल अस्पताल
भारत का ‘भीश्म’: आसमान से गिराया जाने वाला पोर्टेबल अस्पताल
हाल ही में, भारत ने एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि हासिल की है – एक ऐसा पोर्टेबल अस्पताल जिसे आसमान से गिराया जा सकता है। इस पहल का नाम ‘भीश्म’ रखा गया है, जिसका पूरा नाम है “भारत Health Initiative for सयोग, हित and मैत्री”। इसे डिज़ाइन किया गया है ताकि आपात स्थितियों में, जैसे युद्ध, बाढ़, या प्राकृतिक आपदाओं के समय तुरंत चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा सके।
भीश्म की विशेषताएँ
- प्रभावी डिज़ाइन: इस पोर्टेबल अस्पताल को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह ऊंचाई से गिराए जाने के बाद भी सुरक्षित और कार्यात्मक रहता है। इसमें हड्डी का ऑपरेशन, सर्जरी और अन्य आवश्यक चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं।
- मॉड्यूलर स्ट्रक्चर: भीश्म को 36 बॉक्स में पैक करके गिराया जाता है। इसे जमीन पर आसानी से स्थापित किया जा सकता है।
- आवश्यक संसाधन: अस्पताल में सोलर पैनल और बैटरियों के साथ-साथ, आवश्यक दवाइयाँ और उपकरण शामिल हैं। ये सभी वस्तुएं सुरक्षित रूप से पहुँचाई जाती हैं।
- फील्ड टेस्टिंग: इस पोर्टेबल अस्पताल को विभिन्न आपात स्थितियों में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। जैसे, आयोध्या में राम मंदिर के प्रवेश के समय इसका उपयोग किया गया था।
विकास और कार्यान्वयन
‘भीश्म’ को ADRDI (Agra-based ADRDI) द्वारा डिजाइन किया गया है और इसे भारत के स्वास्थ्य मंत्री, मनसुख मंडाविया ने प्रस्तुत किया। इसकी क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए इसे एक ऊंचाई से गिराया गया, जहाँ से यह सुरक्षित रूप से जमीन पर पहुँचा और उपयोग के लिए तैयार हो गया।
उपयोगिता और भविष्य
इस प्रकार का पोर्टेबल अस्पताल उन क्षेत्रों में तुरंत चिकित्सा सुविधा प्रदान कर सकता है जहां पारंपरिक अस्पताल नहीं पहुँच सकते। इसका उपयोग आपात स्थितियों में किया जा सकता है और यह भारत की राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया क्षमता को भी बढ़ाता है।
‘भीश्म’ न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि यह भारत की रक्षा और आपदा प्रबंधन क्षमताओं को भी एक नया आयाम प्रदान करता है। यह पहल भारत को वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन में एक अग्रणी देश बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।