शनि ग्रह के घातक दुष्परिणाम नही जानते होंगे आप

शनि ग्रह ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण ग्रह है जिसे हिन्दू ज्योतिष में शनि नाम से जाना जाता है। यह ग्रह अन्य ग्रहों की तरह सौरमंडल में एक गोलाकार बड़ा वस्तु है। शनि धरती के सबसे पास और शान्त ग्रहों में से एक है।

शनि का परिभाषित समय 29.5 वर्ष है, जिसे शनि की महादशा कहा जाता है। यह ग्रह धैर्य, तपस्या, संघर्ष, और सामाजिक न्याय का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिष में शनि को कई अशुभ गुणों का कारक माना जाता है, लेकिन इसका उपाय भी उपलब्ध है।

शनि ग्रह को नीले रंग का प्रतीक माना जाता है और इसकी धारणा और शुभ फल प्राप्ति के लिए शनिवार को शनिदेव की पूजा की जाती है। शनि का अनुष्ठान, दान, और मन्त्रजाप भी उसके प्रति श्रद्धालु लोगों द्वारा किया जाता है।

शनि ग्रह को ज्योतिष में कई नुकसानों का कारक माना जाता है। ये नुकसान व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रकार की परेशानियों को उत्पन्न कर सकते हैं।

  1. दुख और संघर्ष: शनि ग्रह की प्रभावशाली दशा में, व्यक्ति दुख, तनाव, और संघर्षों का सामना कर सकता है।
  2. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ: शनि की दशा में व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ जैसे कि आर्थराइटिस, ओस्टियोपोरोसिस, दिल की बीमारियाँ, आदि हो सकती हैं।
  3. आर्थिक अस्थिरता: शनि की दशा में, व्यक्ति को आर्थिक समस्याएँ, धन की कमी, और अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है।
  4. संबंधों में कठिनाई: शनि की दशा में व्यक्ति के संबंधों में कठिनाई या दूरी का अनुभव हो सकता है।
  5. सामाजिक सम्मान में कमी: शनि की दशा में, व्यक्ति को सामाजिक स्तर पर सम्मान में कमी का सामना करना पड़ सकता है।

यदि शनि की दशा में नुकसान का सामना हो रहा है, तो ज्योतिषीय उपाय और शनि के शांति के उपायों का अनुसरण किया जा सकता है।

शनि ग्रह के बचाव के लिए कुछ उपाय हैं जो व्यक्ति अपना सकता है। पहले, व्यक्ति को अपनी कुंडली की जांच करनी चाहिए ताकि उसे शनि के दोषों का पता चले। शनि की दशा में, व्यक्ति को कठिनाईयों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए और धैर्य बनाए रखना चाहिए। शनि की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए, व्यक्ति को शनि के मंत्रों का जाप करना चाहिए और शनिवार को उसका पूजन करना चाहिए। भगवान शनि की पूजा के लिए नीला उसको अर्पित करना चाहिए। शनि के प्रभाव को कम करने के लिए, व्यक्ति को लोहे की एक अंगूठी पहननी चाहिए। इन उपायों के साथ, ध्यान और श्रद्धा से अपने कर्मों को समर्पित करना भी महत्वपूर्ण है।

शनि ग्रह के बचाव के लिए कुछ प्रमुख उपाय हैं। पहले तो, शनि के मंत्र का जाप करें जैसे “ॐ शं शनैश्चराय नमः”। दूसरे, शनि की प्रतिमा या धातु का टोटका धारण करें। तीसरे, शनिवार को नीले रंग के कपड़े पहनें और उपवास करें। ये सभी उपाय शनि के द्रव्यगुण को शांत करने में मदद कर सकते हैं।

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