गाय पालन में होना है मालामाल तो इन नस्लों का करे पालन कभी नही लगेगा घाटा

जिस तरह से देश की आबादी बढ़ रही है उसके मुताबिक गाय पालन की तरफ रुझान लोगों को बहुत ही कम रहा है इसलिए सरकार की तरफ से बहुत सी योजनाएं चलाई जा रही है आप भी उन योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। बहुत से डेरी उद्योग भी गाय पालन के लिए योजना चला रहे हैं किसान इन योजनाओं का लाभ उठाकर गाय पालन कर सकते हैं बहुत सारे किसानों को शंका रहती है कि गाय पालने में काफी घाटे का सौदा है मगर ऐसा नहीं है अगर ऐसा होता तो आज डेयरी उद्योग इतना फल फूल नहीं रहा होता। गाय पालन में सबसे ज्यादा जरूरी चीज होती है उसकी देखभाल करना और रखरखाव का ख्याल रखना इन सब चीजों पर आप ध्यान देना शुरू कर देंगे तो गाय पालन में आपको कभी घटा नहीं होगा हमेशा मुनाफा ही मुनाफा होगा और 1 साल के अंदर आप मालामाल जरूर बन जाएंगे नीचे विस्तार से जानते हैं किन नस्लों का गाय का पालन करना चाहिए।

गिर गाय

गिर गाय मुख्य रूप से गुजरात की नस्ल की गाय हैं गिर गाय की मांग विदेशों में भी खूब होती है ये गाय 50 से लेकर 80 लीटर तक दूध देती है रखरखम और देख भाल करना काफी low मेंटेनेंस का कार्य है इसलिए गाय पालन के और दिन धूप वाले इसको अधिक पसंद करते हैं ब्राजील और इंडोनेशिया में भी इस गाय की काफी ज्यादा डिमांड है

Holstein Cattle Breed ( फिरीजीयन )

दुनिया में सबसे अधिक दूध देने वाली गाय होल्सटीन कैटिल ब्रीड (Holstein Cattle Breed) है। यह एक बार में करीब 5-7 बाल्टी दूध से भर देती है। एक होल्स्टीन कैटिल ब्रीड एक वर्ष में 35 हजार लीटर दूध देती है। एक होल्स्टीन कैटिल ब्रीड गाय एक दिन में करीब 89 से 100 लीटर तक दूध देती है। गाय पालन करने वाले गाय के उद्योग से जुड़े हुए लोग इनके दूध देने की वजह से गाय पालन खूब करते है मगर इस गाय का रखरखाव और देखभाल करना काफी उच्च श्रेणी का होता है इस गाय को पालने के लिए पहले डेयरी वाले से ट्रैनिंग ले फिर गाय पालन करे।

साहीवाल उत्तर भारत की पहली पसंद

साहीवाल नस्ल की गाय उत्तर भारत में सबसे ज्यादा पसंद की जाती है गाय मुख्य रूप से 50 से 60 लीटर तक दूध देने की क्षमता होती है मगर उत्तर भारत में अधिकांश लोगों के पास यह गाय 25 से 30 लीटर तक दूध देती ही देती है साहीवाल नस्ल की गाय का रखरखाव और देखभाल करना काफी निम्न स्तर का होता है उत्तर भारत में अचानक मौसम का बदलना काफी गर्मी पादना काफी बरसात होना हमेशा मौसम का बदलाव होते रहता है इसलिए उत्तर भारत के किसान और व्यवसाय से जुड़े हुए लोग साहीवाल नस्ल की गाय को काफी पसंद करते हैं

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