बिहार मे होगा क्या इस बार खेला एनडीए की राहें हुई मुस्कील
बिहार में 20 सीटें पर सिमट कर रह जाएगी एनडीए गठबंधन
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहा है बिहार में एनडीए की राहें उतनी ही मुश्किल होती जा रही है प्राप्त जानकारी के अनुसार तेजस्वी यादव बिहार के मतदाताओं को समझने में कामयाब होते जा रहे हैं और लोगों को बता भी रहे हैं कि हमने 17 महीना में काफी रोजगार दिया मौजूदा सरकार सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति करती है हमें नौकरी चाहिए हमें रोजगार चाहिए हमारे पलायन पर रुकना चाहिए मगर मौजूदा सरकार हमें राम मंदिर भारत-पाकिस्तान हिंदुत्व में बांटना चाहती है मगर हमें रोजगार चाहिए राम मंदिर ठीक है लेकिन राम मंदिर से पेट तो नहीं भरा जाएगा मौजूदा सरकार की खामियां गिरा रहे हैं अर्थव्यवस्था बारे में लोगों को जानकारी दे रहे हैं मगर यह भी दिलचस्प बात है कि नीतीश कुमार पर बिल्कुल भी हमलावर नहीं हो रहे हैं यह लोग नौकरी बेरोजगारी बिल्कुल बात नहीं करते हैं सिर्फ राम मंदिर मंदिर की बात करते हैं जनता में काफी उत्साह भी देखा जा रहा है और तेजस्वी यादव जहां-जहां जा रहे हैं वहां पर फिर भी काफी संख्या में जुट रही है इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि कहीं तेजस्वी यादव मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने में कहीं कामयाब ना हो जाए तेजस्वी यादव की भीड़ को देखकर के बीजेपी की रातों को नींद उड़ गई है कई जगह ऐसे हैं जहां पर उम्मीदवार भारी पड़ रहे हैं चार पांच सीट ऐसे हैं जो निर्दलीय उम्मीदवार को बढ़त बना रही है। जैसे में बिटिया से मनीष कश्यप नवादा से भोजपुरी गायक गुंजन सिंह पूर्णिया से सांसद बहुत पूर्व सांसद पप्पू यादव जो कांग्रेस में अपने पार्टी का विलय कर चुके थे मगर रजत ने अपनी कोठी में वह सीट लेने के बाद पप्पू यादव निर्दलीय वहां से अपना दावा ठोक रहे हैं से लग रहा है कि बीजेपी महज 20 सीटों पर सिमट कर रह जाएगी पहली बार बीजेपी को 39 सीट बिहार में मिला था एक सीट किशनगंज से जो काफी नजदीक मामला था और यहां से चुनाव हार गई थी अगर इस बार बिल्कुल भी ऐसा नहीं है इस बार तेजस्वी यादव काफी परिपक्व हो गया है और मोदी को चुनौती देते हुए नजर भी आ रहे हैं। अब तो आने वाला चुनाव के नतीजे में ही पता चल पाएगा कि कौन किस पर भारी पड़ रहा है मगर अनुमान और सूत्रों के और मतदाताओं के नजरिए से देखा जाए तो तेजस्वी यादव इस बार खेला करते नजर आ रहे हैं।